शुक्रवार, 31 अगस्त 2012

वो जो इल्मो-फ़न के थे आशना........


अभी भी बचे हैं दरख़्त कुछ .....


ग़ज़ल  

वो जो इल्मो-फ़न के थे आशना........
  
-अरुण मिश्र

वो जो इल्मो-फ़न के थे आशना,  कहीं दीखते वो बशर नहीं।
जो मिरे कलाम में था असर,  मुझे  अब लगे  वो असर नहीं॥

सभी  ग़ुल  हैं सूखते शाख़  पर, सभी हीरे  लिपटे हैं  धूल में।
न वो क़द्रदां,  न वे पारखी,  हैं वो पहले से  अहले-नज़र नहीं॥

हैं  बदलते  वक़्त के  संग-संग,  सभी  रूप-रंग   बदल  गये।
है ज़माना पहुँचा  कहाँ तलक, तुझे  इसकी  कोई ख़बर नहीं॥

अभी भी  बचे  हैं  दरख़्त  कुछ,   मेरे  शह्र में , मिरे  लान में।

पर थीं जिसपे  कूकती कोयलें,  कहीं दूर तक वो  शज़र नहीं॥

तेरे नग़मों में अभी ताजगी,  तेरी  ऑखों में  अभी  ख़्वाब  हैं।
तेरी जुस्तजू है  अथाह की,   कहीं  थक के  जाना  ठहर नहीं॥
                                                      *
....मेरे शह्र  में, मेरे लान में।





रविवार, 26 अगस्त 2012

वो शज़र याद हो अगर तुमको.....





नज़्म

वो शज़र याद हो अगर तुमको.....  

-अरुण मिश्र. 

हम थे भीगे 
किसी कदम के तले।
वो शज़र, 
याद हो अगर तुमको,
सिर्फ तुम इतना ही 
किया करना,
जब कभी 
उसकी राह से गुजरो,
उसको हौले से 
छू लिया करना।।

मैं भी 
हर बार, 
ऐसा करता हूँ।।
              *
Kadam


NAZM

VO SHAZAR YAAD HO AGAR TUMKO.....  

-Arun Mishra. 

Hum the bheege 
Kisee kadam ke tale.
Vo shazar, 
Yaad ho agar tumko,
Sirf tum itna hee 
Kiya karna,
Jab kabhee 
Uskee raah se gujro,
Usko haule se 
Chhoo liya karna.

MaiN bhee 
Har baar, 
Aisaa karta hooN.
              *

रविवार, 19 अगस्त 2012

मेरे अक़ीदे ने तुझको किया है ईद का चॉद......

आपको एवं आप के परिवार को ईद की शुभकामनायें !





















ईद पर विशेष 

मेरे अक़ीदे ने तुझको किया है ईद का चॉद......

-अरुण मिश्र.


है  लबे&बाम  तेरे  हुस्न की  ताईद का  चाँद।
हो मुबारक सभी को आज बज़्मे&ईद का चाँद।।    


उफ़क पे  उभरी  हुई  यूँ  तो  इक  लकीर  है  बस।
मेरे  अक़ीदे   ने   तुझको  किया  है ईद का  चॉद॥

मुझे   यक़ीन   है   ख़ुशियों   से    भरेगा   दामन।
मैंने  बरसों  से   इसे  जाना  है  उम्मीद का  चॉद॥

गले  मिलो  सभी  आपस  में  भूल  कर  नफ़रत।
झलक  रहा है  फ़लक पे  इसी  ताकीद  का  चॉद॥

सभी  का   एक  ही  मालिक  है  जान  लो  लोगों।
'अरुन' के  वास्ते  चमका  है  ये  तौहीद का  चॉद॥
                                            *

मंगलवार, 14 अगस्त 2012


Indian_flag : flag of India with flag pole waving in the wind over blue sky Stock Photo
हिन्दोस्तां की अज़्मत का चाँद मुबारक़ हो !


















नज़्म 

चाँद मुबारक़........

-अरुण मिश्र.



( स्वतंत्रता दिवस पर वर्ष 2010 एवं 2011 में क्रमशः  नज़्म तथा विडियो पूर्व प्रकाशित / प्रसारित ) 
 
       



गुरुवार, 9 अगस्त 2012

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष


मधुराष्टक ( भावानुवाद ) 

-अरुण मिश्र. 

अधर  मधुर   है,   हास्य  मधुर  है,  वदन   मधुर  है,  नयन   मधुर है।
हृदय  मधुर  है,  गमन  मधुर  है,  मधुराधिपति  का  अखिल मधुर है॥

चरित   मधुर  है,  वचन   मधुर  है,  वलय  मधुर  है,  वसन  मधुर  है।
चाल मधुर है,   भ्रमण  मधुर है,  मधुराधिपति   का  अखिल  मधुर है॥

वेणु  मधुर,   पद-रेणु  मधुर,   शुभ-पाणि  मधुर,  मृदु-चरण  मधुर है।
नृत्य   मधुर  है,  सख्य  मधुर  है, मधुराधिपति  का  अखिल मधुर है॥

भोज्य  मधुर  है,   पान  मधुर   है,   गीत   मधुर  है,   शयन  मधुर  है।
तिलक  मधुर है,  रूप  मधुर  है,  मधुराधिपति   का  अखिल  मधुर है॥

कार्य  मधुर   है,   तरण  मधुर  है,   हरण   मधुर,   स्मरण   मधुर   है।
कथन  मधुर है,  शमन  मधुर  है,  मधुराधिपति  का  अखिल मधुर है॥

शिखा  मधुर   है,    हार  मधुर   है,    यमुना  मधुर,    तरंग   मधुर  है।
सलिल मधुर है,  कमल मधुर है,  मधुराधिपति  का  अखिल  मधुर है॥

लीला   मधुर,    गोपियां   मधुरा,    योग  मधुर   है,    भोग  मधुर   है।
मधुर  प्रेक्षण,   मधुर  आचरण,   मधुराधिपति   का  अखिल  मधुर है॥

गौयें   मधुर,   गोप   सब  मधुरा,   मधुर   लकुटिया,   सृष्टि   मधुर  है।
दलन मधुर, प्रतिफलन मधुर अति, मधुराधिपति का अखिल मधुर है॥
                                                              *
                                ( इति श्रीमद वल्लभाचार्य कृत मधुराष्टक संपूर्ण।)


मूल संस्कृत पाठ :



रविवार, 5 अगस्त 2012

मित्रता दिवस की शुभकामनायें.......



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मीत है तो जिंदगी इक गीत है........

-अरुण मिश्र.  

मित्रता ,      संवेदना ,      संवाद      है।
मित्रता,    उत्सर्ग     का    उन्माद    है। 
स्नेह    का,   विश्वास    का   ऐश्वर्य   है;
आत्मा   का   रम्य   रस - आस्वाद  है।। 


          *              *             * 


मीत,   जीवन   का    मधुर   संगीत   है।
मीत   है   तो,   हार   में    भी   जीत   है।
रंग, रस, स्वर, सुरभि, मौसम खुशनुमा;
मीत   है   तो,   जिंदगी    इक   गीत   है।। 
                             *