शुक्रवार, 10 जून 2011

भू गर्भ जल दिवस पर विशेष...















जल से जीवन प्रवहमान है...

-अरुण मिश्र 

जल में,
जल जाने का 
कोई बोध नहीं है ;
और न कोई जलने का भय |
जल तो 
जलने का समुचित उपचार;
सुनिश्चय |

जल, हर मल प्रक्षालित करता,
जल,  शुचिता  का  उपादान  है | 
जल, जीवन-रचना का  कारक,
जल  से  जीवन  प्रवहमान  है ||
                   *

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें